मिरा-भाईंदर शहर के धनकुबेरों पर मामला दर्ज! नरेन्द्र मेहता और लल्लन तिवारी के खिलाफ जमीन की धोखाधड़ी करने की एफआईआर दर्ज!

मिरा-भाईंदर शहर के धनकुबेरों पर मामला दर्ज!
नरेन्द्र मेहता और लल्लन तिवारी के खिलाफ जमीन की धोखाधड़ी करने की एफआईआर दर्ज!
 (भाग - 1)
▪️श्रवण शर्मा / मिरा-भाईंदर शहर▪️
भाईंदर पूर्व, नवघर गांव की रहनेवाली एक 66 वर्षीय महिला ज्योत्सना भाउराव पावसकर ने मिरारोड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया है कि, नरेन्द्र लालचंद मेहता, लल्लन तिवारी, राहुल लल्लन तिवारी, विनोद लालचंद मेहता, विजय बापू पवार, कमलेश अंबानी, सेव्हन इलेवन कंस्ट्रक्शन प्राईवेट कंपनी, सेव्हन इलेव्हन हॉटेल प्राईवेट लि. कंपनी, श्री राहुल एजुकेशन सोसायटी और मेसर्स राहुल गृहनिर्माण प्राईवेट लिमिटेड ने मिलकर उसके साथ धोखाधड़ी और चारसौबीसी की है। महिला का आरोप है कि, इन लोगों ने उसके भूखंड सर्वे नंबर 52/1 (जूना सर्वे नंबर 267/1) क्षेत्रफल 1 हेक्टेयर 11 यार्ड यानि कि 2.75 एकड जमीन के जाली दस्तावेज तैयार किया है। इन दस्तावेजों में आरोपियों ने मरे हुए तथा गुमशुदा लोगों के बनावटी हस्ताक्षर व अंगुठे का निशान लगाया और तलाठी की मिलीभगत से नकली कागजात तैयार किया है। 
महिला की शिकायत पर मिरारोड पुलिस स्टेशन में एफआईआर क्रमांक 0345 दिनांक 06/10/2021 अधिनियम 1860 के तहत कलम 34, 417, 420, 465, 468 और 471 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया गया है।
मिरा-भाईंदर शहर के इन दो धनकुबेरों पूर्व भाजपा विधायक नरेन्द्र मेहता और शिक्षा व्यवसाय के टायकून लल्लन तिवारी के खिलाफ जमीन की धोखाधड़ी करने की एफआईआर दर्ज होने से लोगों में शहर के पुलिस आयुक्त सदानंद दाते के प्रति सम्मान और भी बढ गया है। लोगों में अब भरोसा पैदा होने लगा है कि, पुलिस के अधिकारी किसी राजनीतिक अथवा धनकुबेरों के दबाव में नहीं बल्कि कायदेशीर काम करने लगी है।
एफआईआर में नरेन्द्र मेहता के भाई विनोद मेहता और लल्लन तिवारी के बेटे राहुल तिवारी सहित कुल 10 नामों का उल्लेख किया गया है।
दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता अधिनियम 1860 के अंतर्गत कुल 6 धाराओं का समावेश किया गया है।
ज्ञात हो कि, पहली धारा 34 के अनुसार, जब एक प्रकार का आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो प्रत्येक व्यक्ति उस आपराधिक कृत्य के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होता है, जैसे कि अपराध उसके अकेले के द्वारा ही किया गया हो।
एफआईआर में दर्ज दूसरी भारतीय दंड संहिता की धारा 417 के अनुसार, जो भी कोई व्यक्ति छल करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा भुगतनी होगी, जिसे एक वर्ष तक के लिए बढ़ाई जा सकती है तथा उसे आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
क्रमशः
- निर्भय कलम
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