रिक्शा चालक अर्जुन दुबे की जागरूकता से मिला राहुल नामक व्यक्ति को मोबाइल!
▪️नालासोपारा शहर रिक्शा चालक अर्जुन दुबे ने पेश की इंसानियत मिसाल भूमिका भी रही सराहनीय!
▪️एस एस मिश्रा / वसई-विरार▪️
उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन लोटाकर मुझे बहुत सुकून मिल रहा है और मैंने अपने वसई विरार की शान रखी है। साथ ही हर एक को चाहिए की वो अपने शहर की शान रखे
▪️एस एस मिश्रा / वसई-विरार▪️
उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन लोटाकर मुझे बहुत सुकून मिल रहा है और मैंने अपने वसई विरार की शान रखी है। साथ ही हर एक को चाहिए की वो अपने शहर की शान रखे
नालासोपारा: आज के समय में आप चैन स्नेचिंग और मोबाइल फोन आदि की चोरी की खबरें देखते या पढ़ते ही होंगे लेकिन आज के समय में कुछ ऐसे लोग हैं जिनकी नियत के महंगे से महंगे सामान को भी देखकर नहीं डगमगाती एक ऐसी ही मिसाल देखने को मिली है नालासोपारा में एक राहुल नामक व्यक्ति का ऑटो में अपना करीब हजारों रुपये मोबाइल फोन धोके से छोड़ गया। जिसे रिक्शा चालक अर्जुन दुबे ने हिफाजत के साथ उसके मालिक को दिया।
रिक्शा चालक अर्जुन दुबे नालासोपारा की सड़कों पर ऑटो चलाकर परिवार का भरणपोषण करता है। अर्जुन ने बताया कि यशवंत गौरव से राजवड़ी, और पुनः यशवंत गौरव लेकर गया था. जब राहुल नामक यात्री ऑटो से चला गया तो ड्राइवर अर्जुन ने ऑटो में पीछे रखी पानी की बोतल निकालने के दौरान यात्री की छूटा हुआ मोबाइल देखा. जिसे उसने ट्रैफिक पुलिस देवीदास गायकवाड़ को इसकी जानकारी दी तत्पश्चात दूसरे दिन रिक्शा चालक अर्जुन ने ट्रैफिक पुलिस गायकवाड़ के मौजदगी में मोबाइल फोन को उसके मालिक राहुल को सौंप दिया और अपने ईमानदारी और कर्तव्य का पालन किया।
चालक अर्जुन दुबे ने कहा कि मेरे पिता ने बचपन में कहा था, बेटे अच्छा काम करो, बुरे काम का बुरा नतीजा होता है। दुबे कहा कि मोबाइल फोन लोटाकर मुझे बहुत सुकून मिल रहा है और मैंने अपने वसई विरार शहर की शान रखी है. साथ ही हर एक को चाहिए की वो अपने शहर की शान रखे।
रिक्शा चालक अर्जुन दुबे नालासोपारा की सड़कों पर ऑटो चलाकर परिवार का भरणपोषण करता है। अर्जुन ने बताया कि यशवंत गौरव से राजवड़ी, और पुनः यशवंत गौरव लेकर गया था. जब राहुल नामक यात्री ऑटो से चला गया तो ड्राइवर अर्जुन ने ऑटो में पीछे रखी पानी की बोतल निकालने के दौरान यात्री की छूटा हुआ मोबाइल देखा. जिसे उसने ट्रैफिक पुलिस देवीदास गायकवाड़ को इसकी जानकारी दी तत्पश्चात दूसरे दिन रिक्शा चालक अर्जुन ने ट्रैफिक पुलिस गायकवाड़ के मौजदगी में मोबाइल फोन को उसके मालिक राहुल को सौंप दिया और अपने ईमानदारी और कर्तव्य का पालन किया।
चालक अर्जुन दुबे ने कहा कि मेरे पिता ने बचपन में कहा था, बेटे अच्छा काम करो, बुरे काम का बुरा नतीजा होता है। दुबे कहा कि मोबाइल फोन लोटाकर मुझे बहुत सुकून मिल रहा है और मैंने अपने वसई विरार शहर की शान रखी है. साथ ही हर एक को चाहिए की वो अपने शहर की शान रखे।
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